https://www.profitablegatetocontent.com/jxv3ni80?key=b0980f18859122508c58f8c754cf0f9d pardhan mantri Nal Jal Yojana Kya Hai? प्रधान मंत्री नल जल योजना क्या है | 2021-22

pardhan mantri Nal Jal Yojana Kya Hai? प्रधान मंत्री नल जल योजना क्या है | 2021-22

मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना क्या है ?
• प्रत्येक घर को वर्ष भर पाईप द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है।
• शुद्ध पीने का पानी आपके घर तक नल से पहुँचाया जायेगा।

• यह योजना पूरी तरह से आपके द्वारा बनायी जायेगी, इसके मालिक आप होंगे और इसके रख-रखाव की जिम्मेवारी भी आपकी होगी।

मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना क्यों ?
• यह पीने का पानी हर घर तक उपलब्ध कराने का सबसे अच्छा तरीका है।

• इससे पानी साल भर आपके घर के अन्दर नल से लगातार मिलेगा।

• खाना बनाने, नहाने के लिए पर्याप्त मात्रा में शुद्ध जल आपको मिल जायेगा।

हर घर नल का ही जल क्यों ?
• नल का जल आपके घर तक पहुँचने से घर के बाहर से पानी ढोकर नहीं लाना पड़ेगा और बाहर से पानी लाने के क्रम में जो पानी के गंदा होने का खतरा रहता है वह भी नहीं होगा। गंदे पानी से होने वाली बीमारियों से भी आप बच सकेंगे।
Official Website Nal Jal Yojna 
नल का जल इस्तेमाल करने के क्या फायदे हैं ?
• हर घर नल का जल उपलब्ध होने से विशेषकर महिलाओं की काफी सहायता हो जायेगी। उन्हें बाहर या घर से दूर जाकर पानी ढोकर नहीं लाना पड़ेगा। इस बचे हुये समय का सदुपयोग घर एवं बच्चों की देखभाल या अन्य किसी कार्य में कर सकेंगी। उन्हें अपने लिये भी ज्यादा समय मिलेगा जिससे वे खुद को आर्थिक रूप से भी अधिक सशक्त कर पायेंगी।

• पानी दूर से लाने के क्रम में गर्दन, पीठ, एवं कमर की हड्डी एवं मासपेशियों पर दबाब पड़ता है तथा दर्द की शिकायत होती है। जिससे उम्र बढ़ने पर सामान्य काम करने पर भी तकलीफ होती है।

जब हमें मुफ्त में ही पानी मिल रहा है तो इसके लिए हम उपभोक्ता शुल्क क्यों दें ?
• यह योजना समुदाय के लिए एवं समुदाय द्वारा ही संचालित होना है। इसका रख-रखाव पेयजल उपयोग करने वाले समुदाय को ही करना है। योजना संचालन के लिए एक मोटर ऑपरेटर एवं बिजली मिस्त्री को मानदेय पर रखना होगा जिसके लिए राशि की आवश्यकता होगी। साथ ही रख-रखाव के लिए सामान भी खरीदना होगा जिसपर हुये खर्चे को उपभोक्ता शुल्क से पूरा किया जायेगा। अतः उपभोक्ता शुल्क देना आवश्यक है। अन्यथा रख-रखाव के अभाव में योजना मृतप्राय हो जायेगी।

• अभी जो पानी हम पी रहे हैं वह कम गहराई वाले नलकूप या अन्य स्रोतों से प्राप्त करते हैं तथा घर तक पानी लाने के क्रम में पानी के प्रदूषित होने का खतरा रहता है जिससे कई प्रकार की जल-जनित बीमारियाँ होती हैं। लगभग 80 प्रतिशत बीमारियाँ भारत में दूषित पानी पीने के कारण होती हैं। (अभी तक लगभग 70,000 जल प्रदूषक खोजे जा चुके हैं जो हमें बीमार करते हैं। )

भारत में हर साल लगभग 1000 बच्चे प्रतिदिन डायरिया के कारण मरते हैं, जो एक जलजनित बीमारी है। अन्य जलजनित बीमारियाँ हैं कालरा, पेचीस (दस्त), टाईफाईड, पोलियों, हिपेटाईटिस, पेट में कृमि आदि।

• यह पाया गया है कि घरेलू आमदनी का लगभग 10 प्रतिशत प्रति व्यक्ति प्रति परिवार का खर्च इन जलजनित बीमारियाँ के इलाज पर खर्च हो जाता है। अर्थात अगर आपकी आमदनी 1000 रूपये है तो एक व्यक्ति के बीमारी के इलाज पर हर महीने लगभग 100 रूपये खर्च हो जाते है, जिसे केवल शुद्ध जल पीने से बचाया जा सकता है।

• भारत में हर साल 112 करोड़ रूपये इन बिमारियों पर खर्च होता है। इससे लगभग 20 करोड़ लोग हर साल काम पर नहीं जा पाते हैं।

क्या इस योजना के द्वारा पाईप के माध्यम से हर घर तक पेयजल उपलब्ध होगा ?
• हाँ, इस योजना की बड़ी बात यही है। इसमें आपके तथा वार्ड के अन्य सभी घरों में आपकी आवश्यकता के अनुसार सुरक्षित पानी मिलेगा।

योजना के लिए राशि कहाँ से उपलब्ध होगी ?
• 14वें वित्त आयोग, पंचम राज्य वित्त आयोग एवं राज्य योजना मद से प्राप्त राशि से यह कार्य पूरा किया जायेगा।

प्रति वार्ड औसतन घरों की संख्या कितनी है ?
• प्रति वार्ड घरों की संख्या औसतन 155 है। आबादी लगभग 1000 है।
इस योजना के लिए वार्डों का चयन किस प्रकार किया जायेगा ?
• इस योजना के अन्तर्गत चार वर्षों में आपके पंचायत के सभी वार्डों में नल का जल पहुँचा दिया जायेगा। इसके लिए पहले और चौथे साल में 20-20 प्रतिशत वार्ड तथा दूसरे और तीसरे साल में 30-30 प्रतिशत वार्ड में योजना निर्माण के लिए राशि दी जायेगी। (उदाहरण के लिए अगर आपके पंचायत में चौदह वार्ड हैं तो पहले और चौथे साल में तीन-तीन वार्ड तथा दूसरे और तीसरे साल में चार-चार वार्ड में योजना निर्माण के लिए राशि दी जायेगी ।)

योजना के लिए वार्ड के चयन का आधार क्या होगा?
• योजना में वार्ड की प्राथमिकता सूची बनाने के लिए वार्ड में रह रहे अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या और कुल जनसंख्या आधार होगा।

• सबसे पहले अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या पंचायत के जिस वार्ड में सबसे ज्यादा होगी उसका चुनाव किया जायेगा। उसके बाद उससे कम अनुस

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